Uttarakhand tunnel collapse

उत्तराखंड सुरंग हादसा : बचाव अभियान के पांचवें दिन ऑगर मशीन की सहायता ली गई |

श्रमिकों को सुरंग में फसे हुए 100 घंटे से अधिक हो चुके और बचाव कर्मी अपनी पूरी ताकत से इस काम में लगे हैं
उत्तरकाशी में सिलक्यारा-बड़कोट के निर्माणाधीन सुरंग में 260 मीटर अंदर फसें 40 श्रमिकों को निकालने के लिए पूरी जद्दोजहद की जा रही है |

   

दो दिन पहले कुछ बड़े उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए मलबा हटाने का प्रयास विफल रहा क्योंकि जितनी बार मलबा हटाया जाता मलबा गीला होने कारण फिर से गिर जाता था |

उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने जानकारी देते हुए कहा ऑपरेशन गुरुवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे तक 9 मीटर तक ड्रिल हो चुका था और ये काम अभी भी जारी है

कर्मचारियों के अनुसार निचे फसे लोगों को पाइप के जरिये ऑक्सीजन,खाना और पानी भेजा जा रहा है

अधिकारीयों के अनुसार ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है इस रेस्क्यू के लिए,ये मशीन 5 मीटर प्रति घंटे की तेजी से मलबे में ड्रिल कर सकती है | हालाँकि मलबे के अंदर मौजूद पत्थरों से जो रुकावट हो सकती है और उस्से जो देरी होगी उस जानकारी की पुष्टि किसी अधिकारी द्वारा नहीं की गई |

कुछ श्रमिकों ने सुरंग स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाए कि बचाव दल और अधिकारी पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे थे फसें हुए लोगों को बचाने के लिए |

अंशू मनीष जो की एनएचआईडीसीएल के निदेशक है उन्होंने बताया की गीला मलबा बचाव कार्य में रूकावट डाल रहा है |
जबकि उन्होंने ये भी कहा की उच्च कार्य वाली बर्मा मशीन से परिणाम अच्छे आने की उम्मीद की जा रही है तथा 50-60 मीटर तक मलबे के अंदर ड्रिल करना होगा तो लगभग 11 से 12 घंटो में पूरे होने की उम्मीद है |

उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी (डीडीएमओ ) देवेंद्र पटवाल ने बताया कि दिल्ली से मंगाई बर्मा ड्रिलिंग मशीन के लिए एक अलग मंच तैयार कर दिया गया है,और जल्द ही वह अपना कार्य प्रारम्भ कर देंगे |

वहां मौजूद बचावकर्मियों से पूछने पर पता चला की सभी कर्मचारी असावादी है,लेकिन कुछ श्रमिकों ने मतली एवं सिरदर्द जैसी शिकायत की |

सुरंग के बहार तैनात स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने ये आस्वासन दिया की सभी श्रमिकों को टाइम पे दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं |

जिला प्रशासन ने ये जानकारी दी कि इनमे से अधिक श्रमिक पश्चिम-बंगाल,ओड़िशा,बिहार,झारखंड तथा उत्तर -प्रदेश के हैं |

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top